Thursday, May 9th, 2024

राजभवन ने आरजीपीवी vc को सौंंपी जांच, उन्होंने आरोपी निदेशक को ही दिया प्रतिवेदन बनाने का जिम्मा

भोपाल। 

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय यूआईटी आटोनोमशन के निदेशक आरएस राजपुत के खिलाफ राजभवन में शिकायत की गई है। राजभवन ने कुलपति सुनील कुमार गुप्ता को कमेटी बनाकर जांच करने के लिए पत्र भेजा है, लेकिन उन्होंने कमेटी बनाकर जांच प्रतिवेदन देने की वजाह राजभवन की शिकायत आरोपी निदेशक राजपूत को पत्र देकर स्वयं ही प्रतिवेदन बनाकर प्रस्तुत करने के लिए दे दिया है। जबकि शिकायत में बताया गया है कि निदेशक राजपूत महिला प्रोफेसरों के अभद्र व्यवहार करते हैं। गलत तरीके से नियुक्ति होने के बाद अपने वाटसअप से यूआईटी को चला रहे हैं। 

यूआईटी के निदेशक राजूपत अपने पद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। वे महिला प्रोफेसरों ने अभ्रद व्यवहार करते हैं। यूआईटी निदेशक का पद विवि कैडर का है। जबकि उनकी नियुक्ति तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा की गई है। वे इस पद के योग्यता भी नहीं रखते हैं। इसके बाद भी उन्हें निदेशक के तौर पर नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति से यूआईटी की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। वे जूनियर को विभाग काजार्च दे रहे हैं,जिसके कारण सीनियर प्रोफेसर अपमानित हो रहे हैं। उन्होंने गोपनीय विभाग में जनबूझकर अकुशल लोगों को नियुक्त कर रखा है। इसकी वजह यूआईटी में सीनियर प्रोफेसर का अध्ययन करना है। वे परीक्षा के रिजल्ट में विद्यार्थियों को कम अंक देते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी रीवैल्यूशन के लिए आवेदन कर सकें। मूल्यांकन में मनमानी होने से विद्यार्थी पिछड़ रहे हैं। उनके कैरियर का नुकसान हो रहा है। यूआईटी में बने महिला शौचालय में काफी गंदगी रहती है। वहीं सुरक्षा एजेंसी को फायदा पहुंचाने केलिए कम सुरक्षाकर्मियों को पदस्थ किया गया है।  वे अधिकतर समय यूआईटी से बाहर रहते हैं,जो लोकसभा चुनाव केकारण लगी आचार संहिता उल्लंघन हो रहा है। यहां तक उनकी छुट्टियां होने के बाद भी रिकार्ड में नहीं दिखाई जा रही हैं। निदेकशक राजपूत द्वारा यूआईटी में काफी अनियमितताएं बरती जा रही हैं। इससे विवि के खजाने को काफी क्षति हो रही है। उन्होंने स्मार्ट क्लासेस बनाने,स्टेशनरी और लैब में उपयोग होने वाले उपकरणों की खरीदी में नियमों को नजरअदांज कर काफी फर्जीवाड़ा किया है। वे संविदा लोगों को नियुक्त लोगों के लिए बनाए गए नियमों को खिलवाड़ करते रहते हैं और संविदा लोगों को अनियमितताओं को अनदेखा कर अधिकारियों को वाटसअप पर कार्रवाई करने से रोक देते हैं। उक्त सात बिंदुओं पर हुई शिकायत पर राजभवन ने कुलपति सुनील कुमार गुप्ता ने जांच कमेटी बनाकर प्रतिवदेन प्रस्तुत करने के लिए कहा है, लेकिन कुलपति गुप्ता ने राजभवन की कमेटी बनाने वाली बात को अनदेखा कर दिया है। उन्होंने कमेटी बनाने की वजाय निदेशक राजपूत को ही शिकायत देकर प्रतिवेदन बनाने के लिए दे दिया है। इससे राजभवन के पत्र का सम्मान के लिए तरस रहा है। 

कुलपति और निदेशक के संबंध की हो जांच 

शिकायतकर्ता ने पत्र में अखिर में लिखा है कि कुलपति गुप्ता और निदेशक राजपूत के संबंधों की जांच की जाए। जानकारी के मुताबिक राजपूत और गुप्ता दोनों की नियुक्ति तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा की गई है। इसलिए गुप्ता उन्हें बचाने का प्रयास करते रहते हैं। 

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